कथाकार: तस्वीर -कविता

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तस्वीर -कविता


तस्वीर -कविता 

कुछ तस्वीरें वीरान पड़े दीवार 
पर इसलिए टाँग कर छोड़ दी
जाती है ताकि दीवारों के देख
न पाने का मज़ाक बनता रहे।

कुछ मोहब्बत दीवार पर
टँगी तस्वीर जैसी होती है! 
जिसमें प्रेमी-प्रेमिका अपने 
यादों की तस्वीर को एक-दूसरे
के दिल में टाँग कर, छोड़ जाते हैं।

यादों को क़ैद रखना
प्रेम को हास्यास्पद बनाता है !

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