शायरी,ग़ज़ल,कहानी,नज़्म का संग्रह। परिकल्पनाओं से परे इस दुनिया में, प्रेम के अंबार को अपने हिंदी-उर्दू शब्द से फुसला रहा हूँ।
रसूख़ , इश्क़ और कोई यार नहीं होता ,माँ से बिछड़ने के बाद , कोई दुलार नहीं होता।