शायरी,ग़ज़ल,कहानी,नज़्म का संग्रह। परिकल्पनाओं से परे इस दुनिया में, प्रेम के अंबार को अपने हिंदी-उर्दू शब्द से फुसला रहा हूँ।
Shayri-15
ख़ता ऐसा करूँ इश्क़ में, की मेरे जाने के बाद
सज़दे में, वो रोज नदामत करे ..
सज़दे में, वो रोज नदामत करे ..
नदामत=ग्लानि, पछतावा
Shayri-12
उलूल-जुलूल हरक़तें ,सब याद आई ख़ल्वत में।
कभी जीते थे बेपरवाह ज़िंदगी,अब जीते है उल्फ़त में।
कभी जीते थे बेपरवाह ज़िंदगी,अब जीते है उल्फ़त में।
Shayri-10
खपा है मेरे शहर के बारिश भी अब की बार,
मेरी आँखें बरस गए, उसके बूंदों से ज़्यादा अबकी बार।
मेरी आँखें बरस गए, उसके बूंदों से ज़्यादा अबकी बार।
Shayri-01
कुबेर के ख़ज़ानों को लूट कर ,
तू कब धनवान बना?
क़त्ल में शामिल हैं-वादे,भरोसे,ईमान,इंसान
तब जा के तू महान बना
तू कब धनवान बना?
क़त्ल में शामिल हैं-वादे,भरोसे,ईमान,इंसान
तब जा के तू महान बना
Subscribe to:
Posts (Atom)
Latest Update
-
पुलवामा अटैक में शाहदत को प्राप्त हुए सभी वीरों को " इनफिनिट वर्ड " के और से भावपूर्ण श्रद्धांजलि !! दिलासा मायने नहीं रखत...