एक-दूसरे के चाहत को
विपरीत दिशा में जा रही
ट्रेनों में छोड़ आयें
हमसे
विपरीत दिशा में जा रही
ट्रेनों में छोड़ आयें
हमसे
अथाह प्रेम करने वाले
नचिकेता की तरह बिछड़ते है
हम वाजश्रवा का किरदार निभा रहे होते हैं।
बिछड़ने के बाद
कहानी और कविता में
तलाशते हैं
एक जीवंत चेहरा
बिछड़े हुए लोगों की शक्ल में
हम वाजश्रवा का किरदार निभा रहे होते हैं।
बिछड़ने के बाद
कहानी और कविता में
तलाशते हैं
एक जीवंत चेहरा
बिछड़े हुए लोगों की शक्ल में
और हमारी आँखें वीरान हो जाती हैं
उन्हें ढूँढते हुए
जिससे हमें नाराज़ होना था,
बिछड़ना नहीं।
उन्हें ढूँढते हुए
जिससे हमें नाराज़ होना था,
बिछड़ना नहीं।