कथाकार: इलायची - लघु कहानी

Follow me on

इलायची - लघु कहानी

    

   "इलायची"   

           
―माँ फ़िर से बिरयानी में आपने इलायची डाल दिये?

माँ―मुझे नहीं आती तुम्हारी वो इश्क़ वाली बिरयानी बनाना ,बता क्यों नहीं देते अपने दिल की बात उसे।

―माँ आपको कैसे पता वो इलायची नहीं डालती बिरयानी में !
    
माँ―जब मैं तेरा टिफ़िन साफ करती हूँ तो उसमें,इलायची की महक नहीं आती,औऱ तू बता दे उसे कहीं वो किसी औऱ के चाय में न घुल जाए !
 (धीरे से हँसते हुए माँ कहती है)


Latest Update