कथाकार: पुराने दुःख, नया साल

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पुराने दुःख, नया साल

                                         || पुराने दुःख, नया साल ||

हवाओं जितना
अदृश्य नहीं,
न ही सड़कों जितनी लंबी,
और न पहाड़ जितना मजबूत

मेरा दुःख
साल के महीनों जितना अतरंगी,
जो मेरे शरीर को
ज़ख्मी करते हुए
बीत चुका है।

मुझे यकीन है
कि तुम्हारे स्पर्श से
हजार सालों का दुःख दूर हो सकता है,
पुराने दुःख से
मुक्ति मिल सकती है।

परंतु,
सुख की परिकल्पना
सिर्फ एक भ्रमित आश्वासन है।

पुराने दुःख
और गहरे होंगे,
अधिक दुखेंगे
नए साल में।

― कुन्दन चौधरी  

Photo : Kundan Choudhary
Photo : कुन्दन चौधरी
Location : NH 27 ( Silliguri Highway)


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