शायरी,ग़ज़ल,कहानी,नज़्म का संग्रह। परिकल्पनाओं से परे इस दुनिया में, प्रेम के अंबार को अपने हिंदी-उर्दू शब्द से फुसला रहा हूँ।
जो सेतु बनाया है , इश्क़ में तेरे ,चलके कभी आना , तू ख्वाब में मेरे।