नायाब शाहकार हो तुम उस कुम्हार की,
यूँ ही तुम्हें बनाने की तोहमत लिए बैठा है ख़ुदा..
यूँ ही तुम्हें बनाने की तोहमत लिए बैठा है ख़ुदा..
शाहकार=उत्कृष्ट कृति
" हिंदी कविता, ग़ज़ल, कहानी, का संगम। शब्दों के माध्यम से प्रेम, भावनाओं और कल्पनाओं की दुनिया में आपका स्वागत है।"