हड़बड़ी है घर जाने की मुझे,
मेघ से ज्यादा, चिंता छा गए जहाँ में मेरे भीग जाने की।
मेघ से ज्यादा, चिंता छा गए जहाँ में मेरे भीग जाने की।
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